Tuesday, October 29, 2019

रामपुर की कुछ दिलचस्प जगह , जहां एक बार आपको जरूर जाना चाहिए

रामपुर बुशहर सतलुज नदी के साथ  सटा हुआ एक क्षेत्र है।  यहां आस पास ऐसे स्थान है जो ज्यादा तर आपको  पता नहीं होंगे पर यकीन मानिये ये जगाहे बेहद  खूबसूरत है और आप सभी को एक बार इन स्थानों पर जा कर  अच्छा समय बीता सकते है।  अगले सभी blogs इसी पर होंगे।  तो  शुरू करते है -
 रामपुर में  जा कर लोग सतलुज नदी के दृश्य के लिए तरस जाते है , लेकिन easily कहीं भी आपको ऐसा स्थान नहीं मिलेगा जहां बैठ कर आप सतलुज नदी का view ले सके।  अगर आपको ये चीज़ explore करनी है तो आप रामपुर से 5 km पीछे नोगली आना पड़ेगा। 

नोगली की ख़ास  बात ये है की ये सतलुज नदी के बहुत करीब है।  साथ ही यहां आप नदी को नज़दीक से देख सकते है और नदी के करीब जा कर भी बैठ सकते है इस view point को नोगली बिच के नाम से भी जाना जाता है।  यहाँ आपको बिलकुल बिच सी feeling आएगी।  साथ ही आप नदी के आस पास पड़े पथरो पर बैठ कर नदी की आवाज़ और   व्यू  का आनंद ले सकते है। 

अगर आप कुछ पल अकेले मे भी बिताना चाहते हो तो ये place आपके लिए perfect है।
तो एक  बार जरूर यहां visit करे और सतलुज नदी के view का लुप्त उठाए। 

Monday, October 21, 2019

रामपुर में देलठ का दशहरा है काफी मशहूर , देवता पल्थान के आगमन के साथ प्रति वर्ष मनाया जाता है दशहरा

आपने कुल्लू दशहरा के  बारे में सुना होगा जिसमे 365 देवी देवताओ का आगमन होता है. लेकिन आज मैं आपको रामपुर बुशहर के देलठ गांव के  दशहरे से रूबरू करवाउंगी।  यूँ ही तो  हिमाचल को देवी देवताओ की भूमि कहा  जाता है। कोई मेला हो या त्यौहार , हर मेले में देवी देवता का आगमन होता ही है।  रामपुर के बहुत कम जगह दशहरा मनाया जाता है।  देलठ का दशहरा रामपुर क्षेत्र में काफी मशहूर है।  ये दशहरा देवता पलथान और देवता बनवीर की आगवाही में मनाया जाता है।



इस दशहरा की शुरुआत देवता के मिलन से शुरू होता है।  दोनों देवता के आशीर्वाद से शुरू इस मेले का आगाज़ देव पूजन से किया जाता  है।  आस पास के क्षेत्र के लोग इस त्यौहार में देव आशीर्वाद के लिए आते है।  इस दशहरा में देवता के साथ साथ राम लक्ष्मण और सीता माता की पालकी भी शामिल होती है। साथ में एक स्थानीय युवक हनुमान बन कर लंका को जलाता है।  ये  दृश्य काफी मनोरंजक होता है।



इसके साथ साथ देवता का नृत्य मनमोहक होता है जिसको देखने के लिए लोगो का हजूम इकठा होता है।  इसके बाद लोक नृत्य के साथ साथ झांकिया प्रस्तुत की जाती है। रात्रि प्रोग्रम में कई स्थानीय गायक कलाकार शिरकत करे है।

ये दशहरा लोक संस्कृति और पौराणिक संस्कृति की पहचान है।  जिसे आज भी कई लोग संजोय रखने का प्रयास कर रहे है।  संस्कृति को संजोय रखने वाले इस दशहरे में एक बार जरूर शिरकत करे।   

रामपुर विधानसभा क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण व अधूरे पड़े विकास कार्यों को गति देना रहेगी प्राथमिकता - नंदलाल

रामपुर विधानसभा क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण व अधूरे पड़े विकास कार्यो को गति देना मेरी प्राथमिकता रहेगी. यह कहना है रामपुर के नवनिर्वाच...