हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है । यहाँ कई मेले व त्यौहार ऐसे हैं, जो देवी देवताओं की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं । कुछ त्यौहार पौराणिक काल से चलें आ रहें हैं। रामपुर उपमंडल के तहत ननखड़ी तहसील में 23-24 दिसंबर को शांद महायज्ञ का आयोजन भोड़जा घोड़ी गाँव द्वारा किया गया। यह शांद महायज्ञ 90 वर्ष बाद आयोजित किया गया । जिसमें भोड़जा घोड़ी के 380 परिवारों ने इस महोत्सव का आयोजन किया । इस शांद महायज्ञ की अगुवाई देवता साहब पल्थान के आगमन से हुई। इस महायज्ञ में विशेष रूप से अड्डू खूंद व पूनन खूंद की उपस्थिति रही। यह खूंद शांद है ,व ऐसा माना जाता है कि यह शांद खूंद परिवारों को सम्मानित करने के लिए भी आयोजित की जाती हैं। बिना खूंद परिवार के यह शांद पूर्ण नहीं होती।
खूंद परिवार के अलावा देवता पल्थान शोली ,स्थानीय देवता नाग, देवता घ्रैत, कोट काली माता, देवता साहब लाटा की विशेष भूमिका रहीं। 23 दिसंबर को देवता साहब पल्थान के स्वागत के साथ शांद महायज्ञ प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात खूंद अड्डू पारंपरिक बुशैहरी टोपी व तलवारों के साथ नाचते गाते पैदल जगह माटी तक पधारें। कमेटी भोड़जा घोड़ी द्वारा अड्डू खूंद का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया।
इसके पश्चात, खूंद पूनन भी कई तरह के हथियार लहराते हुए जगह माटी भोड़जा पहुँचे। देव वाद्य यंत्र की ध्वनि पूरे क्षेत्र में एक स्कारात्मक शक्ति पहुँचा रही थी।
24 दिसंबर की प्रातः 9 बजे अड्डू खूंद व पूनन खूंद द्वारा भोड़जा घोड़ी में फेरा लगाया गया। लगभग 25,000 से 30,000 लोग इस महायज्ञ को देखने के लिए शिरक्कत हुए। विधि विधान पूर्वक शिखा पूजन करवाया गया। साथ ही साथ इस आयोजन में हि. प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री व उनकी धर्म पत्नी ने भी शिरक्कत की। उन्होनें सभी देवी - देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त किया। साथ ही भोड़जा घोड़ी के सभी निवासियों को इस महायज्ञ की बधाई भी दी।
जनता के हित के लिए किए गए इस शांद महायज्ञ का संबंध प्राचीन काल से है। इससे पहले भोड़जा घोड़ी में 23-24 दिसंबर 1918 को शांद महायज्ञ करवाया गया था। इसके चलते इस बार भी 23-24 दिसंबर 2018 को यह महायज्ञ करवाया गया।
यह महायज्ञ जनहित के लिए करवाया गया ताकि क्षेत्र में सुख - स्मृद्धि बनी रहें तथा बुरी शक्तियों का विनाश हो।
Great work
ReplyDeleteThanku
DeleteSuperb....
ReplyDeleteThanks bhiya
DeleteBdiya ji bdiya..
ReplyDeleteThank-you bhai
ReplyDeleteAwesome
ReplyDelete👍
ReplyDelete😊
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है, और बहुत जानकारी भी मिली|
ReplyDeleteThanks sir..
DeleteThanks g
DeleteNiCe blog
ReplyDeleteThanks
DeleteGreat work betu.... Keep it up
ReplyDeleteThankuuuu
Deleteyou are really writing very well... keep it up and do update us with different culture, custom, belief and religion of Rampur Busehar-Himachal pradesh
ReplyDeleteThanks for suggestion and appreciation
Deletegood work kajol. .
ReplyDeleteThank-you so much surbhi
ReplyDeleteAweseome Kaju 👌
ReplyDeleteThanks so much
DeleteWow Kya kaam kiye ho 👌👌😍💗
ReplyDeleteThanks for ur appreciation
DeleteGreat ever
ReplyDeleteThanks sir
DeleteNice article you can also visit my blog click here to visit
ReplyDeleteOh thanks sir. . I will visit
Delete