वैसे तो रामपुर बुशहर की हर गली में आपको एक मंदिर जरूर दिखेगा। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे है जो हमारी आँखों के सामने होने के बाद भी अनदेखे से रह जाते है। मैंने रामपुर में 4 साल व्यतीत किये लेकिन कभी जानकी माई मंदिर के बारे में न सुना न कभी देखा। शायद बहुत से लोग न इस मंदिर को जानते है न ही इसके इतिहास को। रामपुर बुशहर की मुख्य मार्केट से सटा ये मदिर लगभग 100 साल पुराना है।
सतलुज नदी के बिलकुल करीब बने इस मंदिर को गुफा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास काफी दिलचसप है। माना जाता है की ये मंदिर मंडी की रानी की कुलदेवी का मंदिर है। साथ ही साथ ये भी कहा जाता है की ये मंदिर इस लिए भी प्रसिद्ध हुआ करता था क्योकि यह राजा महाराजाओ के समय का मंदिर है!
इस मंदिर में सम्पूर्ण राम दरबार मौजूद है। साथ ही राजा महाराजा समय काल में रानियां यहां दीप दान करने आया करती थी। दीप दान करने के लिए रानियाँ गुफा के रास्ते से आया करती थी। इस ऐतिहासिक मंदिर की कई दिलचसप कहानिया है।
रामपुर का कभी दौरा करे तो जरूर इस मंदिर के दर्शन करे।
सतलुज नदी के बिलकुल करीब बने इस मंदिर को गुफा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास काफी दिलचसप है। माना जाता है की ये मंदिर मंडी की रानी की कुलदेवी का मंदिर है। साथ ही साथ ये भी कहा जाता है की ये मंदिर इस लिए भी प्रसिद्ध हुआ करता था क्योकि यह राजा महाराजाओ के समय का मंदिर है!
इस मंदिर में सम्पूर्ण राम दरबार मौजूद है। साथ ही राजा महाराजा समय काल में रानियां यहां दीप दान करने आया करती थी। दीप दान करने के लिए रानियाँ गुफा के रास्ते से आया करती थी। इस ऐतिहासिक मंदिर की कई दिलचसप कहानिया है।
रामपुर का कभी दौरा करे तो जरूर इस मंदिर के दर्शन करे।